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Haryana News : मैक्स अस्पताल शालीमार बाग ने सीओपीडी पर जागरूकता सत्र का आयोजन किया

सत्य खबर, पानीपत।
विश्व सीओपीडी दिवस के अवसर पर, नई दिल्ली स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, शालीमार बाग के डॉक्टरों ने आज एक जन-जागरूकता सत्र आयोजित किया। इस सत्र में क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) की समय पर पहचान, इसके प्रभावी प्रबंधन और संभावित रोकथाम के उपायों पर प्रकाश डाला गया।

इस अवसर पर उपस्थित, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, शालीमार बाग के पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ निदेशक डॉ. इंदर मोहन चुग ने बताया कि सीओपीडी, जो कि एक सामान्य, रोकथाम योग्य और उपचार योग्य पुरानी फेफड़ों की बीमारी है, विश्व स्तर पर मृत्यु के चौथे सबसे बड़े कारणों में से एक है।

डॉ. इंदर मोहन चुग ने कहा कि “क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का समय पर इलाज अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक प्रगतिशील बीमारी है, जो वायु प्रवाह को बाधित करती है और सांस लेने में कठिनाई व पुरानी खांसी जैसे लक्षण पैदा करती है। समय पर उपचार, जीवनशैली में बदलाव, दवाएं और पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन से सीओपीडी के दैनिक जीवन पर प्रभाव को कम किया जा सकता है और श्वसन संक्रमण, हृदय संबंधी समस्याओं और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर जैसे जटिलताओं के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।”

सीओपीडी में क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (जिसमें वायुमार्ग में सूजन और अत्यधिक बलगम उत्पादन होता है) और एम्फिसीमा (फेफड़ों की वायु थैलियों को नुकसान पहुंचता है, जिससे उनकी लोच कम हो जाती है) शामिल हैं। इसके लक्षणों में सांस फूलना, पुरानी खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और थकान शामिल हैं।

डॉ. चुग ने यह भी बताया कि “सर्दियों में सीओपीडी के लक्षण अधिक गंभीर हो जाते हैं क्योंकि ठंडी हवा वायुमार्ग को संकीर्ण कर देती है, बलगम का उत्पादन बढ़ जाता है और फ्लू व निमोनिया जैसी श्वसन संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, बाहरी गतिविधियों में कमी, वायु प्रदूषण में वृद्धि और धुआं व धूल जैसे इनडोर प्रदूषकों के संपर्क में आने से लक्षण और बिगड़ सकते हैं। इसलिए, सीओपीडी से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए सर्दियों में अपनी स्थिति का प्रभावी प्रबंधन करना बेहद जरूरी है।”

मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, शालीमार बाग, अत्याधुनिक तकनीक, विशेष क्लीनिकल दृष्टिकोण और बेहतरीन डायग्नोस्टिक क्षमताओं के साथ, विभिन्न श्वसन रोगों के उपचार के लिए पूरी तरह सक्षम है।

मैक्स हेल्थकेयर के बारे में:

मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट लिमिटेड (मैक्स हेल्थकेयर) भारत के सबसे बड़े हेल्थकेयर ऑर्गनाइजेशंस में से है। नवीनतम टेक्नोलॉजी और अत्याधुनिक शोध के दम पर मैक्स हेल्थकेयर क्लीनिकल एक्सीलेंस एवं पेशेंट केयर के मामले में सर्वोच्च मानक स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कुल 22 अस्पतालों के संचालन (करीब 5,000 बेड) के साथ उत्तर भारत में मैक्स हेल्थकेयर की उल्लेखनीय उपस्थिति है। इसके नेटवर्क में कंपनी एवं उसकी सब्सिडियरीज द्वारा संचालित सभी अस्पताल एवं मेडिकल सेंटर, पार्टनर हेल्थकेयर फैसिलिटीज एवं मैनेज्ड हेल्थकेयर फैसिलिटीज शामिल हैं। इनमें दिल्ली एनसीआर में साकेत (3 हॉस्पिटल), पटपड़गंज, वैशाली, राजेंद्र प्लेस, द्वारका, नोएडा व शालीमार बाग के अत्याधुनिक टर्शरी एवं क्वाटर्नरी केयर हॉस्पिटल्स, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, मोहाली, बठिंडा, देहरादून के एक-एक हॉस्पिटल, गुरुग्राम व बुलंदशहर के सेकेंडरी केयर हॉस्पिटल और दिल्ली-एनसीआर में नोएडा, लाजपत नगर (दो सेंटर) व पंचशील पार्क के मेडिकल सेंटर और मोहाली, पंजाब का एक मेडिकल सेंटर शामिल है। मोहाली और बठिंडा के अस्पताल पंजाब सरकार के साथ पीपीपी (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) के तहत संचालित होते हैं।

इन अस्पतालों के अतिरिक्त, मैक्स हेल्थकेयर अपने ब्रांड मैक्स@होम और मैक्स लैब्स के तहत क्रमश: होमकेयर और पैथोलॉजी बिजनेस का संचालन भी करता है। मैक्स@होम के तहत घर पर ही हेल्थ एवं वेलनेस सर्विसेज प्रदान की जाती हैं, जबकि मैक्स लैब के तहत अपने नेटवर्क से बाहर के मरीजों को भी डायग्नोस्टिक्स की सुविधा प्रदान की जाती है

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